मंदिरों में, उत्सव भोर से पहले शुरू होता है और पूरे दिन से लेकर आधी रात तक चलता है.
भक्त कीर्तन का आयोजन करते हैं, और भगवान के नाम का जाप करते हैं
कई भक्त भगवान कृष्ण की मूर्ति को सजाते हैं.
अगरबत्ती जलाई जाती है, धर्मग्रंथ पढ़े जाते हैं और कई लोग पूरे दिन उपवास भी करते हैं.